प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों में खुशी की लहर है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि कर्मचारियों के वेतन में कितनी बढ़ोतरी होगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 108% तक की वृद्धि हो सकती है।
हालांकि, सरकार ने अभी तक वेतन संरचना, महंगाई भत्ता (DA), और फिटमेंट फैक्टर पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹37,440 तक पहुंच सकती है।
फिटमेंट फैक्टर का क्या है रोल?
8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर एक अहम मुद्दा है। नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) और कर्मचारी संघों ने फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 2.86 रखने की सिफारिश की है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.08 के बीच रख सकती है। यह फैक्टर कर्मचारियों के वेतन को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कितनी बढ़ेगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी?
अगर फिटमेंट फैक्टर 2.08 तय होता है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़कर ₹37,440 हो सकती है। वहीं, पेंशन ₹9,000 से बढ़कर ₹18,720 तक पहुंच सकती है। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 होता है, तो वेतन में 186% की बढ़ोतरी हो सकती है। इस स्थिति में न्यूनतम वेतन ₹51,480 और पेंशन ₹25,740 तक जा सकती है।
7वें वेतन आयोग की क्या थी भूमिका?
7वें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था, और इसकी रिपोर्ट नवंबर 2015 में पेश की गई थी। इसे 2016 में लागू किया गया था। इसकी सिफारिशों के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में 23.5% की बढ़ोतरी की गई थी।
8वें वेतन आयोग का गठन कब हुआ?
जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जनवरी को घोषणा की कि सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से अब तक सात वेतन आयोग बन चुके हैं, जिनमें से आखिरी यानी 7वें वेतन आयोग को 2016 में लागू किया गया था। इसका कार्यकाल 2026 में खत्म हो रहा है। अब 2025 में नई सिफारिशें तैयार करने के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन किया जाएगा।
वेतन आयोग क्या होता है?
भारत सरकार समय-समय पर वेतन आयोग का गठन करती है, जो सरकारी कर्मचारियों और पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों के वेतन संरचना से जुड़ी सिफारिशें देता है। पहला वेतन आयोग 1947 में आजादी के बाद गठित किया गया था। तब से अब तक सात वेतन आयोग लागू हो चुके हैं।